Navratri 2023
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Navratri 2023 : 15 अक्टूबर को अभिजीत मुहूर्त में करें कलश स्थापना, अवधि सिर्फ कुछ ही मिनट

Navratri 2023 जो भारतीय पौराणिक और धार्मिक परंपरा में महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है, इसके 15 अक्टूबर 2023 को रविवार से आरंभ हो रहे हैं। यह त्योहार मां दुर्गा की महाकाव्य कथा के आधार पर मनाया जाता है और इसके दौरान नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है।

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Navratri 2023 शारदीय नवरात्रि को मुख्य नवरात्रि माना जाता है, और यह त्योहार खासतर समृद्धि, सौभाग्य, और आशीर्वाद के लिए मां दुर्गा की कृपा और आशीर्वाद पाने का अवसर माना जाता है। इस अवसर पर लोग देवी के पूजन एवं आराधना में विशेष मन लगाते हैं, और विभिन्न प्रकार की धार्मिक क्रियाएं आयोजित करते हैं।

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Navratri 2023 के इन नौ दिनों में, भक्त दिन और रात्रि के समय व्रत रखते हैं और मंदिरों एवं पूजा घरों में देवी की मूर्ति का पूजन करते हैं। नौ रूपों की पूजा और आराधना के द्वारा, वे अपने आत्मिक और आध्यात्मिक जीवन को सुधारने का प्रयास करते हैं, और मां दुर्गा की कृपा को पाने का आशीर्वाद मांगते हैं।

Navratri 2023 के इन नौ दिनों के दौरान, धार्मिक गतिविधियों के साथ-साथ लोग रात्रि में गर्बा और दंडिया नृत्य करके त्योहार के आनंद का आनंद लेते हैं, और यह एक अद्वितीय सामाजिक और सांस्कृतिक महक का भी हिस्सा बनता है। नवरात्रि का यह समय भक्ति, आध्यात्मिकता, और सांस्कृतिक संवाद का भी होता है, जिससे लोग एक दूसरे के साथ जुड़कर त्योहार का आनंद लेते हैं।

Shardiya Navratri 2023 October, Ghatsthapna Timing: 

मां दुर्गा के समर्पित एक महत्वपूर्ण पर्व है “शारदीय नवरात्रि”, जिसकी शुरुआत 15 अक्टूबर 2023 को रविवार से हो रही है। इस बार मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आ रही हैं, जिसे शुभ संकेत माना जा रहा है। शास्त्रों के अनुसार, हाथी को बुद्धि, ज्ञान और समृद्धि का प्रतीक माना गया है। नवरात्रि के नौ दिनों में, मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है। नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा का विधान है। इसके माध्यम से मान्यता है कि मां शैलपुत्री की पूजा करने से जातकों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और उन्हें आशीर्वाद मिलता है।

Navratri 2023 यह नौ दिनों का त्योहार भक्ति और आध्यात्मिकता का पर्व है, जो लोगों को देवी दुर्गा के प्रति भक्ति और आदर्शों के दिशा में प्रेरित करता है। इस अवसर पर विशेष रूप से व्रत, पूजा, आराधना, और ध्यान का महत्व होता है, जिससे व्यक्ति आत्मा की शुद्धि और विकास की दिशा में अग्रसर होता है।

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नवरात्रि के इन नौ दिनों में लोग विभिन्न रूपों में मां दुर्गा की पूजा करते हैं और इस समय अपने जीवन को पवित्रता और सकारात्मकता की दिशा में अनुसरण करते हैं। इस त्योहार के दौरान लोग आराध्य शक्तियों की कृपा प्राप्ति के लिए विशेष रूप से प्रार्थना करते हैं और आदर्शों का पालन करते हैं, जो उन्हें जीवन के विभिन्न पहलुओं में सहारा देते हैं।

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नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना का शुभ मुहूर्त:

15 अक्टूबर को रात 11 बजकर 52 मिनट पर प्रतिपदा तिथि प्रारंभ हो रही है। साथ ही शाम 06 बजकर 43 मिनट पर चित्रा नक्षत्र भी है। आश्विन शुक्ल पक्ष के प्रतिपदा तिथि यानी 15 अक्टूबर को सुबह 11 बजकर 38 मिनट से दोपहर 12 बजकर 23 मिनट तक कलश स्थापना का अभिजीत मुहूर्त रहेगा।

Navratri 2023 इसके अलावा घटस्थापना का एक अन्य मुहूर्त सुबह 11 बजकर 44 मिनट से दोपहर 12 बजकर 30 मिनट तक है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, इस साल 10:30 बजे से पहले और दोपहर 01:30 बजे के बाद कलश स्थापना अति उत्तम माना जा रहा है।

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घटस्थापना विधि: Navratri 2023 के पहले दिन सुबह स्नान कर साफ-सुथरे कपड़े पहनें। पूजा का संकल्प लें। मिट्टी की वेदी पर जौ को बोएं, कलश की स्थापना करें, गंगा जल रखें। इस पर कुल देवी की प्रतिमा या फिर लाल कपड़े में लिपटे नारियल को रखें और पूजन करें। दुर्गा सप्तशती का पाठ अवश्य करें। साथ ही यह भी ध्यान रखें कि कलश की जगह पर नौ दिन तक अखंड दीप जलता रहे।

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मां दुर्गा के आगमन व प्रस्थान की सवारी: इस साल मां दुर्गा पृथ्वी लोक पर हाथी पर आगमन कर रही हैं, जिसे अत्यंत शुभ माना जा रहा है। मां का गमन इस साल मुर्गे पर हो रहा है, जिसका फल शुभ नहीं माना जा रहा है। 

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किसी भी तिथि का क्षय नहीं: इस साल की शारदीय Navratri 2023 में एक विशेषता है – किसी भी तिथि का क्षय नहीं हो रहा है। यानी कि इस बार नवरात्रि पूरे नौ दिनों तक का है, जब पूजा और आराधना की जा रही है। आमतौर पर, तिथि के क्षय के कारण नवरात्रि केवल आठ दिनों तक ही होते हैं, लेकिन इस बार यह अद्वितीय है क्योंकि इसमें एक अत्यंत महत्वपूर्ण तिथि का क्षय नहीं हो रहा है।

इन मुहूर्त में न करें घटस्थापना

पूजा सामग्री की पूरी लिस्ट: Navratri 2023 के इन नौ दिनों के दौरान, विशेष रूप से तैयार की जाती है विशेष पूजा सामग्री की लिस्ट, जिसमें शामिल होते हैं लाल चुनरी, लाल वस्त्र, मौली, श्रृंगार का सामान, दीपक, घी/तेल, धूप, नारियल, साफ चावल, कुमकुम, फूल, देवी की प्रतिमा या फोटो, पान, सुपारी, लौंग, इलायची, बताशे या मिसरी, कपूर, फल-मिठाई और कलावा। यह सामग्री नवरात्रि के पूजन और आराधना के दौरान प्रयोग की जाती है और भक्त इनका ध्यानपूर्वक उपयोग करते हैं, जिससे वे मां दुर्गा के प्रति अपनी श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक देते हैं।

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