Shardiya Navratri Day 5
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Shardiya Navratri Day 5: नवरात्र के पांचवें दिन करें मां स्कंदमाता की पूजा, जानिए विधि, मंत्र और भोग

Shardiya Navratri Day 5 स्कंदमाता ऊर्जा का वह रूप है जिनकी पूजा करने से ज्ञान और शुभ फलों की प्राप्ति होती है। शास्त्रों में कहा गया है कि यह इच्छाशक्ति, ज्ञानशक्ति और कर्म शक्ति का मिश्रण है।

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Shardiya Navratri Day 5 धर्म डेस्क, इंदौर। Shardiya Navratri Day 5: नवरात्र का त्योहार मां दुर्गा को समर्पित है। इन नौ दिनों में मां दुर्गा के 9 अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है। नवरात्र का पांचवा दिन मां स्कंदमाता का समर्पित होता है। पंचांग के अनुसार, इस बार नवरात्र पूजन का पांचवां दिन 19 अक्टूबर को होगा।

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मां स्कंदमाता की पूजा करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है। स्कंद का अर्थ है ज्ञान को आचरण में लाकर कार्य करना। स्कंदमाता ऊर्जा का वह रूप है जिनकी पूजा करने से ज्ञान और शुभ फलों की प्राप्ति होती है। शास्त्रों में कहा गया है कि यह इच्छाशक्ति, ज्ञानशक्ति और कर्म शक्ति का मिश्रण है। जब शिव तत्व का त्रिशक्ति के साथ मिलन होता है, तो स्कंद “कार्तिकेय” का जन्म होता है।

मां स्कंदमाता पूजा विधि

Shardiya Navratri Day 5 नवरात्र के पांचवें दिन सुबह स्नान आदि से निवृत्त होकर स्वच्छ कपड़े पहनें और देवी मां का ध्यान करें। देवी मां की मूर्ति या तस्वीर को गंगा जल से पवित्र करें। फिर कुमकुम, अक्षत, फूल, फल आदि चढ़ाएं। मां को प्रसाद के रूप में मिठाई और पांच प्रकार के फल अर्पित करें। देवी मां के सामने शुद्ध घी का दीपक जलाएं। सच्चे मन और श्रद्धा-भाव के साथ मां की पूजा करें और आरती करें। कथा पढ़ने के बाद अंत में मां स्कंदमाता के मंत्रों का जाप करें। इस दिन सफेद रंग के वस्त्र पहनकर देवी मां की पूजा करें। मां को सफेद रंग पसंद है।

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Shardiya Navratri Day 5 मां स्कंदमाता को केले का भोग लगाएं। उन्हें यह फल अति प्रिय है। आप मां को खीर का प्रसाद भी अर्पित कर सकते हैं।

मां स्कंदमाता मंत्र : Shardiya Navratri Day 5

या देवी सर्वभूतेषु माँ स्कंदमाता रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

Shardiya Navratri Day 5: नवरात्रि का 5 दिन कौन सा है?

Shardiya Navratri Day 5 नवरात्रि का 5 दिन कौन सा है?नवरात्रि के पांचवें दिन मां दुर्गा के पंचम स्वरूप मां स्कंदमाता की उपासना की जाती है। स्कंद कुमार कार्तिकेय की माता के कारण इन्हें स्कंदमाता नाम दिया गया है। भगवान स्कंद बालरूप में इनकी गोद में विराजित हैं। सबसे पहले चौकी (बाजोट) पर स्कंदमाता की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें।


स्कंदमाता की पूजा कैसे करनी चाहिए?

Shardiya Navratri Day 5 चैत्र नवरात्रि के पांचवें दिन स्नान के बाद पीले वस्त्र पहनें और फिर देवी को पीला चंदन, पीली चुनरी, पीली चूड़ियां, पीले फूल अर्पित करें. पूजा में ऊं स्कंदमात्रै नम: का जाप करते रहें. मां स्कंदमाता को केले का भोग अति प्रिय है.


नवरात्रि के पांचवे दिन किसकी पूजा की जाती है?

Shardiya Navratri Day 5 नवरात्र के पांचवें दिन भक्तों को अभीष्ट फल प्रदान करने वाली मां दुर्गा के पंचम स्वरूप मां स्कंदमाता की पूजा करने का विधान है।


स्कंदमाता कौन है?

नवदुर्गा का पांचवां स्वरुप स्कंदमाता का है. कार्तिकेय (स्कन्द) की माता होने के कारण इनको स्कन्दमाता कहा जाता है. यह माता चार भुजाधारी कमल के पुष्प पर बैठती हैं, अतः इनको पद्मासना देवी भी कहा जाता है. इनकी गोद में कार्तिकेय भी बैठे हुये हैं , अतः इनकी पूजा से कार्तिकेय की पूजा स्वयं हो जाती है

नवरात्रि के 9 दिन कौन से हैं?

दुर्गा के नौ अवतार हैं शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंद माता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री।

नवरात्रि के पांचवे दिन माता को क्या भोग लगाएं?

नवरात्रि के पांचवें दिन मां स्कंदमाता को केले या उससे बनी मिठाई का भोग लगाया जाता है

Fifth Day, Maa Skandmata Puja Vidhi

आज नवरात्रि का पांचवां दिन है और आज स्‍कंदमाता की पूजा की जाती है। मान्‍यता है कि स्‍कंदमाता की पूजा करने से मंदबुद्धि भी ज्ञानी हो जाता है। स्कंद कुमार यानी स्‍वामी कार्तिकेय की माता होने के कारण इन्हें स्कंदमाता नाम कहा जाता है। स्‍कंदमाता की गोद में उनके पुत्र स्‍कंद शोभायमान हैं। स्‍कंदमाता को मां दुर्गा का ममतामयी रूप माना गया है। ऐसा माना जाता है नवरात्र में मां इस का रूप की पूजा करने से मां संतान सुख का आशीर्वाद देती हैं।

ऐसा है स्‍कंदमाता का स्‍वरूप

स्‍कंदमाता के विग्रह में भगवान स्कंद बालरूप में इनकी गोद में विराजित हैं। देवी की चार भुजाएं हैं। ये दाईं तरफ की ऊपर वाली भुजा से स्कंद को गोद में लिए हैं और नीचे वाली भुजा में कमल का पुष्प सुशोभित है। बाईं तरफ ऊपर वाली भुजा में वरदमुद्रा में है और नीचे वाली भुजा में कमल पुष्प है। इनका वर्ण एकदम श्‍वेत और ये स्‍वयं कमल के आसन पर विराजमान हैं। इसलिए इन्हें पद्मासना भी कहा जाता है। सिंह इनका वाहन है।

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